Thanjavur Tourism Promotion Council
एक साधारण चौकोर आकार में भद्रपीड़म से जुड़ी हुई, छवि अपंग रूप में एक पद्मपीड़म पर खड़ी है, जिसमें भद्रपीड़म के सामने और किनारों पर करन्थमकुदम और सुदामणि लगी हुई है। केंद्र में पद्मा द्वारा बनावट किया गया सिरसचक्र भी लटका हुआ है। बालों में आठ छल्ले अर्धवृत्त में व्यवस्थित हैं। कानों में मकर कुंडल; गले में माला; तिरु सहित चार हार; एक हार जो पीछे की ओर दोनों ओर चौड़े मुहापु के साथ जारी रहता है; एक पदक वाला आखिरी हार; निपल्स के साथ स्तन; दो पिरोए हुए फूलों के धागे ऊपर जाते हैं; एक मोटा और दूसरा पतला पीछे की ओर जारी रहता है; दाहिने हाथ पर कंगन; बाएं हाथ में कोवला, एक दस्ताने और तीन कलाईबंदों से सुशोभित हैं l पोशाकों पर गोलाकार पुष्प रूपांकनों की कढ़ाई की गई है। तीन धागों में पदासरा पैरों को सुशोभित करते हैं।
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