Thanjavur Tourism Promotion Council
यह मूर्ति आनंदमय अवस्था में खड़ी है। कोहनियाँ नीचे की ओर थोड़ी टेढ़ी हुई हैं। माला के मोतियों में से दो रुद्राक्ष के मोती और पांच मुड़े हुए फूलों के धागे आदि हैं, पांचवां फूल का धागा दाहिनी भुजाओं के नीचे जाता है l कमर के चारों ओर अच्छी तरह से काम किए गए कपड़े का एक विस्तृत सजाया हुआ बैंड पहना हुआ है। पंखे जैसी जटामुड़ी के बीच में फूलों से सजाया गया है। निचले अंत में मकर छापों की वृत्ताकार प्रभावली में अग्नि की बयालीस ज्वालाएँ हैं।
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