Thanjavur Tourism Promotion Council
गोलाकार पद्म पीडम के बीच में छेद है l भगवान पदम-पीदम पर अपने दाहिने पैर को मुयालाका की पीठ पर मजबूती से रखकर नृत्य करते हैं। बायां पैर कुंजिता स्थिति में है। चार भुजाओं के साथ प्रकट होते हैं। दाहिनी अगली भुजा नाग से घिरी हुई है और मध्यमा उंगली टूटी हुई है। बायीं बांह झुकी हुई है और कलाई टूटी हुई है। टूटे हुए हिस्से उपलब्ध नहीं है l दाहिने पिछले हाथ में एक 'ढोल' है। बाएं पिछले हाथ में आग पकड़ी हुई है, मध्यमा अंगुली टूट गई है। पिछला पहिया टूटा हुआ और ढका हुआ है। प्रभावली एवं जाड़ा उपलब्ध नहीं है।
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